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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल

बाद मुद्दत उन्हें - Baad Muddat Unhein (Jagjit Singh, Chitra Singh, Main Aur Meri Tanhai)

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Movie/Album: मैं और मेरी तनहाई (1980)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: रोशन नादान
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

बाद मुद्दत उन्हें देख कर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को क़रार आ गया
आरज़ूओं के गुल मुस्कुराने लगे
जैसे गुलशन में जान-ए-बहार आ गया

तिश्ना नज़रें मिली शोख नज़रों से जब
मय बरसने लगी जाम भरने लगे
साक़िया आज तेरी ज़रूरत नहीं
बिन पिए बिन पिलाए खुमार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें...

रात सोने लगी सुबह होने लगी
शम्मा बुझने लगी दिल मचलने लगे
वक़्त की रोशनी में नहाई हुई
ज़िन्दगी पे अजब सा निखार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें...

हर तरफ़ मस्तियाँ हर तरफ़ दिलक़शी
मुस्कुराते दिलों में ख़ुशी ही ख़ुशी
कितना चाहा मगर फिर भी उठ न सका
तेरी महफ़िल में जो एक बार आ गया
बाद मुद्दत उन्हें...

ये आईने से - Ye Aaine Se (Hariharan, Kaash)

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Movie/Album: काश (2000)
Music By: हरिहरन
Performed By: हरिहरन

ये आइने से अकेले में गुफ़्तगू क्या है
जो मैं नहीं हूॅं तो फिर तेरे रू-ब-रू क्या है

इसी उम्मीद पे काटी है ज़िन्दगी मैंने
वो काश पूछते मुझसे कि आरज़ू क्या है
जो मैं नहीं...

ये रंग-ए-गुल ये शफ़क़ और ये ताबिश-ए-अंजुम
तेरा जमाल नहीं है तो चार-सू क्या है
जो मैं नहीं...

क्यूॅं उनके सामने तुम दिल की बात करते हो
जो ख़ुद समझते नहीं दिल की आबरू क्या है
जो मैं नहीं...

खाली है तेरे बिना - Khaali Hai Tere Bina (Hariharan, Bela Shende, Paheli)

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Movie/Album: पहेली (2005)
Music By: एम.एम. कीरावानी
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: हरिहरन, बेला शेंडे

खाली है तेरे बिना दोनों ॲंखियाॅं
तुम गए कहाॅं
ॲंखियों के आलों में
तेरे बिना रात भर
जलती है बातियाॅं, यहाॅं
खाली है तेरे बिना...

डूबता है दिन तो शाम को
साए उड़ते हैं तेरी यादें लिए
लाख दिन हुए हैं के रात को
आधे चाॅंद से तेरी बातें किए
याद है क्या तुझे राह की बेरियाँ, वहाॅं
ख़ाली है तेरे बिना...

एक-एक बात याद है
आधी रात के पूरे चाॅंद को
जागते हुए भी हूॅं ख़्वाब में
चेहरा एक है लेती हूॅं नाम दो
रेत के टीलों की सुनती हूॅं बोलियाँ, यहाॅं
ख़ाली है तेरे बिना...

जिया जिया न जिया - Jiya Jiya Na Jiya (Hariharan, Hazir)

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Movie/Album: हाज़िर (1992)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: डाॅ. सफ़ी हसन
Performed By: हरिहरन, ज़ाकिर हुसैन

मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है, जिया जिया न जिया
है एक साॅंस का झगड़ा, लिया लिया न लिया
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है...

बदन ही आज अगर तार-तार है मेरा
तो एक चाक-ए-गरेबाॅं सिया सिया न सिया
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है...

ये और बात के तू हर रहे ख़याल में है
के तेरा नाम ज़बाॅं से लिया लिया न लिया
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है...

मेरे ही नाम पे आया है जाम महफ़िल में
ये और बात के मैंने पिया पिया न पिया
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है...

ये हाल-ए-दिल है 'सफ़ी'मैं तो सोचता ही नहीं
के क्यूॅं किसी ने सहारा दिया दिया न दिया
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है...

झूम ले - Jhoom Le (Hariharan, Kaash)

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Movie/Album: काश (2000)
Music By: हरिहरन
Performed By: हरिहरन

झूम ले हॅंस-बोल ले, प्यारी अगर है ज़िन्दगी
साॅंस के बस एक झोंके का सफ़र है ज़िन्दगी
झूम ले हॅंस-बोल ले...

देर ही बनते बिगड़ते कुछ इसे लगती नहीं
फूल के दीवार पर शबनम का घर है ज़िन्दगी
साॅंस के बस...

अजनबी हालात से भी हॅंस के मिलना चाहिए
हर क़दम पर मुड़ने वाली रहगुज़र है ज़िन्दगी
साॅंस के बस...

ज़िन्दगी में जो भी करना चाहता है कर गुज़र
क्या ख़बर बरसों की है या लम्हा भर है ज़िन्दगी
साॅंस के बस...

क्या टूटा है अन्दर अन्दर - Kya Toota Hai Andar Andar (Mehdi Hasan, Hariharan)

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Movie/Album: लाजवाब (2009)/कहना उसे (1984)
Music By: नियाज़ अहमद
Lyrics By: फरहत शहज़ाद
Performed By: हरिहरन, मेहदी हसन

क्या टूटा है अन्दर-अन्दर क्यूॅं चेहरा कुम्हलाया है
तन्हा-तन्हा रोने वालों कौन तुम्हें याद आया है
क्या टूटा है अन्दर-अन्दर...

चुपके-चुपके सुलग रहे थे याद में उनकी दीवाने
इक तारे ने टूट के यारों क्या उनको समझाया है
क्या टूटा है अन्दर-अन्दर...

रंग बिरंगी इस महफ़िल में तुम क्यूॅं इतने चुप-चुप हो
भूल भी जाओ पागल लोगों क्या खोया क्या पाया है
क्या टूटा है अन्दर-अन्दर...

शेर कहाॅं है ख़ून है दिल का जो लफ़्ज़ों में बिखरा है
दिल के ज़ख़्म जला कर हमने महफ़िल को गरमाया है
क्या टूटा है अन्दर-अन्दर...

अब 'शहज़ाद'ये झूठ न बोलो वो इतना बेदर्द नहीं
अपनी चाहत को भी परखो गर इल्ज़ाम लगाया है
क्या टूटा है अन्दर-अन्दर...

हाथ में ले के मेरा हाथ - Haath Mein Le Ke Mera Haath (Hariharan, Sukoon)

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Movie/Album: सुकून (1984)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: शाहिद अख़्तर
Performed By: हरिहरन

हाथ में ले के मेरा हाथ ये वादा कर लो
अब न छोड़ोगे कभी साथ ये वादा कर लो
हाथ में ले के मेरा हाथ...

तुम न बदलोगे बदलते हुए मौसम की तरह
बीतने वाली है बरसात ये वादा कर लो
अब न छोड़ोगे...

लोग हालात बदलते ही बदल जाते हैं
तुम न बदलोगे रिवायात ये वादा कर लो
अब न छोड़ोगे...

तुम तो वादे भी भुला देते हो अक्सर 'शाहिद'
अब न भूलोगे कोई बात ये वादा कर लो
अब न छोड़ोगे...

अक्स चेहरे पे - Aks Chehre Pe (Hariharan, Gulfam)

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Movie/Album: गुलफ़ाम (1994)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: ताहिर फ़राज़
Performed By: हरिहरन

अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है
किस इलाके में घर जनाब का है
अक्स चेहरे पे...

जिस ज़माने में मैं हुआ पागल
वो ज़माना तेरे शबाब का है
अक्स चेहरे पे...

मेरी नज़रें भी हैं कुछ आवारा
कुछ इशारा तेरी नक़ाब का है
अक्स चेहरे पे...

तूने अच्छा किया कि दिल तोड़ा
ये ज़माना ही इन्क़लाब का है
अक्स चेहरे पे...

मुझे फिर वही याद - Mujhe Phir Wahi Yaad (Hariharan, Gulfam)

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Movie/Album: गुलफ़ाम (1994)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: ख़ुमार बाराबंकवी
Performed By: हरिहरन

मुद्दतों ग़म पे ग़म उठाए हैं
तब कहीं जाकर मुस्कुराए हैं
एक निग़ाह-ए-ख़ुलूस की ख़ातिर
ज़िन्दगी भर फ़रेब खाए हैं

मुझे फिर वही याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं
मुझे फिर वही याद...

सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं
तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं
जिन्हें भूलने में...

ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको
ये कहने में उनसे ज़माने लगे हैं
जिन्हें भूलने में...

क़यामत यक़ीनन क़रीब आ गई है
'ख़ुमार'अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं
जिन्हें भूलने में...

फ़ैसला तुमको भूल जाने का - Faisla Tumko Bhool Jaane Ka (Hariharan, Mehdi Hasan)

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Movie/Album: लाजवाब (2009)/कहना उसे (1985)
Music By: नियाज़ अहमद
Lyrics By: फरहत शहज़ाद
Performed By: हरिहरन, मेहदी हसन

फ़ैसला तुमको भूल जाने का
इक नया ख़ाब है दीवाने का
फ़ैसला तुमको भूल जाने का...

दिल कली का लरज़ लरज़ उठा
ज़िक्र था फिर बहार आने का
एक नया...

हौसला कम किसी में होता है
जीत कर ख़ुद ही हार जाने का
इक नया...

ज़िन्दगी कट गई मनाते हुए
अब इरादा है रूठ जाने का
इक नया...

आप 'शहज़ाद'की न फिक्र करें
वो तो आदी है ज़ख़्म खाने का
इक नया...

अजीब सानेहा मुझ पर - Ajeeb Saneha Mujh Par (Hariharan, Gaman)

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Movie/Album: गमन (1971)
Music By: जयदेव
Lyrics By: शहरयार
Performed By: हरिहरन

अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारों
मैं अपने साए से कल रात डर गया यारों
अजीब सानेहा...

हर एक नक़्श तमन्ना का हो गया धुंधला
हर एक ज़ख़्म मेरे दिल का भर गया यारों
अजीब सानेहा...

भटक रही थी जो कश्ती वो ग़र्क-ए-आब हुई
चढ़ा हुआ था जो दरिया वो उतर गया यारों
अजीब सानेहा...

वो कौन था, वो कहाॅं का था, क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शख़्स मर गया यारों
अजीब सानेहा...

काश - Kaash (Hariharan)

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Movie/Album: काश (2000)
Music By: हरिहरन
Performed By: हरिहरन

काश ऐसा कोई मंज़र होता
मेरे काॅंधे पे तेरा सर होता
काश ऐसा...

जमा करता जो मैं आए हुए संग
सर छुपाने के लिए घर होता
मेरे काॅंधे पे...

इस बलंदी पे बहुत तन्हा हूॅं
काश मैं सबके बराबर होता
मेरे काॅंधे पे...

उसने उलझा दिया दुनिया में मुझे
वरना इक और कलंदर होता
मेरे काॅंधे पे...

लोग कहते हैं अजनबी - Log Kehte Hain Ajnabi (Hariharan, Asha Bhosle)

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Movie/Album: आबशार-ए-ग़ज़ल (1985)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: बशीर बद्र
Performed By: हरिहरन, आशा भोसले

लोग कहते हैं अजनबी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िन्दगी तुम हो
लोग कहते हैं...

दिल किसी और का न हो पाया
आरज़ू मेरी आज भी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िन्दगी...

मुझको अपना शरीक-ए-ग़म कर लो
यूॅं अकेले बहुत दुखी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िन्दगी...

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
अजनबी मेरी ज़िन्दगी...

जब वो मेरे क़रीब से - Jab Woh Mere Kareeb Se (Hariharan, Paigham)

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Movie/Album: पैग़ाम (1997)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: मुशीर झुंझानवी
Performed By: हरिहरन

जब वो मेरे क़रीब से हॅंस कर गुज़र गए
कुछ ख़ास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए
जब वो मेरे क़रीब से...

अफ़सोस डूबने की तमन्ना ही रह गई
तूफ़ान ज़िन्दगी में जो आए गुज़र गए
कुछ ख़ास...

हालाँकि उनको देख कर पलटी ही थी नज़र
महसूस ये हुआ के ज़माने गुज़र गए
कुछ ख़ास...

कोई हमें बताए के हम क्या जवाब दें
मंज़िल ये पूछती है के साथी किधर गए
कुछ ख़ास...

दाग़ दुनिया ने - Daag Duniya Ne (Hariharan, Paigham)

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Movie/Album: पैग़ाम (1997)
Music By: हरिहरन, जॉली मुख़र्जी
Lyrics By: कैफ़ भोपाली
Performed By: हरिहरन

दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हमको ये तोहफ़े तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
दाग़ दुनिया ने दिए...

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...

कैसे माने के उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उनके ख़त आज हमें तेरे सरहाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...

ज़िन्दगी जाम से - Zindagi Jaam Se (Hariharan, Haazir)

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Movie/Album: हाज़िर (1992)
Music By: जॉली मुखर्जी, हरिहरन
Lyrics By: जॉली मुखर्जी
Performed By: हरिहरन, ज़ाकिर हुसैन

ज़िन्दगी जाम से बहलाने चले जाएँगे
ग़म सताएगा तो मयख़ाने चले जाएँगे
ज़िन्दगी जाम से...

तेरे मयख़ाने की रौनक है हमारे दम से
तूने मुॅंह मोड़ा तो दीवाने चले जाएँगे
ग़म सताएगा तो...

हम समझते हैं तेरी ऑंखों की क़ीमत साक़ी
दे के कुछ होश के नज़राने चले जाएँगे
ग़म सताएगा तो...

ख़ैर हम आज चले जाते हैं प्यासे साक़ी
कल बहुत दूर ये अफ़साने चले जाएँगे
ग़म सताएगा तो...

राताँ लंबियाँ - Raataan Lambiyan (Asees Kaur, Jubin Nautiyal, Shershaah)

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Movie/ Album: शेरशाह (2021)
Music By: तनिष्क बागची
Lyrics By: तनिष्क बागची
Performed By: असीस कौर, जुबिन नौटियाल

तेरी मेरी गल्लाँ हो गयी मशहूर
करना कभी तू मुझे नज़रों से दूर
कित्थे चलिए, तू कित्थे चलिए
तू कित्थे चलिए
जाणदा ऐ दिल ये तो, जाणदी ऐ तू
तेरे बिन मैं ना रहूँ, मेरे बिना तू
कित्थे चली ऐ...

काटूँ कैसे राताँ ओ साँवरे
जिया नहीं जाता सुन बावरे
के राताँ लंबियाँ लंबियाँ रे
कटे तेरे संगेया संगेया रे
के राताँ लंबियाँ लंबियाँ रे
कटे तेरे संगेया संगेया रे

चम चम चम अम्बरां दे तारे
कहन्दे ने सजणा
तू ही चन मेरे इस दिल दा
मन ले वे सजणा
तेरे बिना मेरा होवे ना गुज़ारा
छड के ना जावीं मैनु
तू ही है सहारा
काटूँ कैसे राताँ...

तेरी मेरी गल्लाँ हो गयी मशहूर
करना कभी तू मुझे नज़रों से दूर
पिच्छे चलिए, तेरे पिच्छे चलिए
तेरे पिच्छे चलिए
जाणदा ऐ दिल ये तो, जाणदी ऐ तू
तेरे बिन मैं न रहूँ, मेरे बिना तू
कित्थे चलिए...
काटूँ कैसे राताँ...

राँझा - Ranjha (B Praak, Jasleen Royal, Shershaah)

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Movie/ Album: शेरशाह (2021)
Music By: अक्षय रहेजा, जसलीन रॉयल
Lyrics By: अन्विता दत्त
Performed By: बी प्राक, जसलीन रॉयल, रोमी

रूठी ऐ शब ते रब्बा
रब्बा दिल भी है रूठा
सब कुछ है बिखरा-बिखरा
बिखरा सा रूठा रूठा
चुप माही चुप है राँझा
बोले कैसे वे ना जा
बोले कैसे वे ना जा
आजा आजा
बोले कैसे वे ना जा
बोले कैसे वे ना जा
चुप माही चुप है राँझा
आजा आजा

वे मेरा ढोला नी आया ढोला
वे मेरा...

ओह रब वि खेल है खेले
रोज़ लगावे मेले
कहंदा कुछ ना बदला
झूट्ठ बोले हर वेल्ले
ओह रब वि...
चुप माही चुप है राँझा...

(ओ) नी मैं रज्ज रज्ज हिजर मनावाँ
(ओ) नी मैं खुद तो रुस मुरझावाँ
कल्ली भीड़ च बैठी
तेरी पीड़़ ले बैठी
रुसेया राँझा वे मेरा
मैं वि कम ना ऐंठी
चुप माही चुप है राँझा...

मन भरया - Mann Bharryaa (B Praak, Shershaah)

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Movie/ Album: शेरशाह (2021)
Music By: बी प्राक
Lyrics By: जानी
Performed By: बी प्राक

वे मैथों तेरा मन भरया
मन भरया बदल गया सारा
वे तू मैनू छड जाणा
गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा
वे मैथों तेरा मन भरया...

गल गल ते शक़ करदे
ऐतबार ज़रा वी नई
हुण तेरियाँ अखियाँच
मेरे लयी प्यार ज़रा वी नई
मेरा ते कोई है नी तेरे बिन
तैनू मिल जाणा किसे दा सहारा
वे तू मैनू छड जाणा
गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा

काश ऐसा हो सकदा
रब दे पैरी पै जांदी
तेरी जगह पे जानी
मौत मैनू ले जांदी
जो तू न मिला मानेंगे
वो दहलीज़ नहीं होती
रब नाम की यारा
यहाँ कोई चीज़ नहीं होती
हो रब ओनु खो लैनदे
जेड़ा होवे ओनु
जान तों पियारा
वे तू मैनू छड जाणा

तू सब जाणदा ऐ
मैं छड्ड नी सकदी तैनू
ताँही ताँ (तेरी याद ने) उंगलाँ ते
रोज़ नचौने ऐ मैनू
तू सब जाणदा ऐ...

अगले जनम विच अल्लाह
ऐसा खेल रचा के भेजे
मैनू तू बणा के भेजे
तैनू मैं बणा के भेजे
हाय इक्को हुन्दी ऐ वे ज़िन्दगी
तू मिलणा नि मैनू वे दोबारा
वे तू मैनू छड जाणा...

हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor)

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Movie/Album: मेरे हुज़ूर (1977)
Music By: एम अशरफ
Lyrics By: तस्लीम फाज़ली
Performed By: नूरजहाँ, मेहदी हसन

हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

नूरजहाँ
वो मेरे नज़दीक आते-आते
हया से इक दिन सिमट गए थे
मेरे खयालों में आज तक वो
बदन की डाली लचक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

सदा जो दिल से निकल रही है
वो शेर-ओ-नग़मों में ढल रही है
कि दिल के आँगन में जैसे कोई
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

तड़प मेरे बेकरार दिल की
कभी तो उन पे असर करेगी
कभी तो वो भी जलेंगे इसमें
जो आग दिल में दहक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

मेहदी हसन
कभी जो थे प्यार की ज़मानत
वो हाथ हैं गैर की अमानत
जो कसमें खाते थे चाहतों की
उन्हीं की नीयत बहक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

किसी से कोई गिला नहीं है
नसीब ही में वफ़ा नहीं है
जहाँ कहीं था हिना को खिलना
हिना वहीं पे महक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी
वो जिनकी खातिर लिखी थी नग़में
उन्हीं के आगे सवाल बन के
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक...

किस तरह जान-ए-वफ़ा - Kis Tarah Jan-e-wafa (Mehdi Hassan)

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Movie/Album: भरोसा (1977)
Music By: ए हमीद
Lyrics By: क़तील शिफाई
Performed By: मेहदी हसन

किस तरह जान-ए-वफ़ा
शौक का इज़हार करूँ
गर इजाज़त हो तो जी भर के
तुझे प्यार करूँ
किस तरह जान-ए-वफ़ा...

तुमने शरमा के सिमटने की अदा पाई है
मेरा दिल ऐसी अदाओं का तमन्नाई है
क्यूँ न मैं फिर तेरे शरमाने पे
इसरार करूँ
किस तरह जान-ए-वफ़ा...
 
तेरी नज़रें झुकी पलकों में छुपी रहती हैं
फिर भी मैं देख रहा हूँ कि ये क्या कहती हैं
ये जो कहती हैं वो इकरार मैं
सौ बार करूँ
किस तरह जान-ए-वफ़ा...

तुझको पहलू में लिए मस्त फ़ज़ाओं में चलूँ
गुनगुनाती हुई लहराती घटाओं में चलूँ
इन बहारों में बिठाकर
तेरा दीदार करूँ
किस तरह जान-ए-वफ़ा...

नैनों से बात करें - Nainon Se Baat Karein (Manna Dey)

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Music By: श्याम शर्मा
Lyrics By: पंडित नरेंद्र शर्मा
Performed By: मन्ना डे

नैनों से बात करें नैन बिन बोले
दिन से यूँ रात करें नैन बिन बोले
नैनों से बात करें...

अष्टमी का चांद गया, संग आधी रात गई
मैंने आधी बात कही, मन में आधी बात रही
और थोड़ी देर अभी नैन रहो खोले
नैनों से बात करें...

फूल अभी बन ना सकीं, बेला की कलियाँ
गुनगुन गुन गूंज उठी, मधुबन की गलियाँ
जाग उठे तरुवर के नैन बोले-बोले
नैनों से बात करें...

पत्थर की तरह हो दिल - Patthar Ki Tarah Ho Dil (Hemant Kumar)

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Music By: रवि शंकर शर्मा
Lyrics By: रवि शंकर शर्मा
Performed By: हेमंत कुमार

पत्थर की तरह हो दिल जिसका
उसे दिल में बसाकर क्या करें
पत्थर की तरह...

जिसके दिल में उल्फत ही न हो
अपनों की जिसे चाहत ही न हो
जो कभी हमारा हो न सके
उसे अपना बनाकर क्या करें
उसे दिल में बसाकर क्या करें
पत्थर की तरह...

वो वफ़ा के बदले जफ़ा करे
जो प्यार जताकर दगा करे
फिर उसके लिए अपने दिल का
सुख चैन लुटाकर क्या करें
उसे दिल में बसाकर क्या करें
पत्थर की तरह...

सावन की रिमझिम में - Sawan Ki Rimjhim Mein (Manna Dey)

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Year: 1974
Music By: प्रेम धवन
Lyrics By: अनजान
Performed By: मन्ना डे

खुले गगन पे झुक गई, किसी की सुरमई पलक
किसी की लट बिखर गई, घिरी घटा जहाँ तलक
धुली हवा में घुल गई, किसी की साँस की महक
किसी का प्‍यार आज बूंद-बूंद से गया छलक

सावन की रिमझिम में
थिरक-थिरक नाचे रे
मयूर पंखी रे सपने

कजरारी पलक झुकी रे, घिर गयी घटाएँ
चूड़ियाँ बजाने लगीं रे, सावनी हवाएँ
माथे की बिंदिया, जो घुंघटा से झाँके
चमके बिजुरिया, कहीं झिलमिला के
बूंदों के घुँघरू छनका के रे
सावन की रिमझिम में...

छलक गईं नील गगन से रसभरी फुहारें
महक उठीं तेरे बदन सी भीगती बहारें
रिमझिम फुहारों के रस में नहा के
सिमटी है फिर मेरी बाँहों में आ के
सपनों की दुलहन शरमा के
सावन की रिमझिम में...

मेरी भी इक मुमताज़ थी - Meri Bhi Ik Mumtaz Thi (Manna Dey)

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Year: 1969
Lyrics By: मधुकर राजस्थानी
Performed By: मन्ना डे

सुनसान जमना का किनारा, प्‍यार का अंतिम सहारा
चांदनी का कफन ओढ़े, सो रहा किस्‍मत का मारा
किससे पूछूँ मैं भला अब
देखा कहीं मुमताज़ को
मेरी भी इक मुमताज़ थी

पत्‍थरों की ओट में महकी हुई तन्‍हाइयाँ कुछ नहीं कहतीं
डालियों की झूमती और डोलती परछाइयाँ कुछ नहीं कहतीं
खेलती साहिल पे लहरें ले रही अंगड़ाइयाँ कुछ नहीं कहतीं
ये जान के चुपचाप हैं मेरे मुकद्दर की तरह
हमने तो इनके सामने खोला है दिल के राज़ को
किससे पूछूँ मैं भला...

ये ज़मीं की गोद में कदमों का धुंधला सा निशाँ, खामोश है
ये रूपहला आसमाँ, मद्धम सितारों का जहां, खामोश है
ये खूबसूरत रात का खिलता हुआ गुलशन जवाँ, खामोश है
रंगीनियाँ मदहोश हैं अपनी खुशी में डूबकर
किस तरह इनको सुनाऊँ अब मेरी आवाज़ को
किससे पूछूँ मैं भला...




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