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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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तुम अकेले तो कभी - Tum Akele To Kabhi (Md.Rafi, Lata Mangeshkar, Aao Pyaar Karen)

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Movie/Album: आओ प्यार करें (1964)
Music By: उषा खन्ना
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर

तुम अकेले तो कभी बाग़ में जाया ना करो
आजकल फूल भी दिलवाले हुआ करते हैं
कोई क़दमों से लिपट बैठा
तो फिर, तो फिर क्या होगा

तुम अकेले तो कभी बाग़ में जाया ना करो
आजकल कलियाँ बड़ी शोख़ हुआ करती हैं
कोई शोख़ी पे उतर आयी
तो फिर, तो फिर क्या होगा
तुम अकेले तो कभी...

तुम कभी ज़ुल्फ़ को चेहरे पे गिराया ना करो
बाज़ दिल वाले भी कमज़ोर हुआ करते हैं
कोई नागिन जो समझ बैठा
तो फिर, तो फिर क्या होगा

महफ़िल-ए-हुस्न की चिलमन को उठाया ना करो
बिजलियाँ काली घटाओं में छुपी होती हैं
कोई चुपके से चमक जाए
तो फिर, तो फिर क्या होगा
तुम अकेले तो कभी...

तुम कभी आँख में काजल भी लगाया ना करो
इनहीं आँखों के दरीचों में तो हम बसते हैं
साथ काजल के जो बह निकले
तो फिर, तो फिर क्या होगा

हुस्न वालों के मुक़ाबिल कभी आया ना करो
शरबती आँखों के डोरों में नशा होता है
बिन पिए ही जो बहक जाओ
तो फिर, तो फिर क्या होगा
तुम अकेले तो कभी...

देखो अंगड़ाई को भी बाहें उठाया ना करो
आजतक चाँद के दामन को न पहुँचा कोई
चाँद घबरा के जो गिर जाए
तो फिर, तो फिर क्या होगा

तुम ख्यालों के ये तस्वीरें बनाया ना करो
रेत पर दूर से पानी का गुमाँ होता है
उम्र भर प्यास न बुझ पाई
तो फिर, तो फिर क्या होगा
तुम अकेले तो कभी...

तुम तो आईने से भी आँखें मिलाया ना करो
आजकल ऐसी हसीं चीज़ देखी ना होगी
अपनी सूरत पर जो मर बैठे
तो फिर, तो फिर क्या होगा

तुम तो आईने से भी आँखें मिलाया ना करो
दिल न देने पे बहुत नाज़ किया करते हो
अपनी सूरत पे बिगड़ बैठे
तो फिर, तो फिर क्या होगा
तुम अकेले तो कभी...

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