Movie/Album: दि अनफ़ोर्गेटेबल्स (1977)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: काफ़िल अज़र
Performed By: जगजीत सिंह
बात निकलेगी तो फ़िर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यूँ हो
उंगलियाँ उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरह
चूड़ियों पर भी कई तंज़ किये जायेंगे
काँपते हाथों पर भी फिक्रें कसे जाएँगे
लोग ज़ालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे
बातों-बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आएँगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वरना चेहरे के तासुर से समझ जाएँगे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात ना करना उनसे
बात निकलेगी तो फ़िर दूर तलक जाएगी
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: काफ़िल अज़र
Performed By: जगजीत सिंह
बात निकलेगी तो फ़िर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यूँ हो
उंगलियाँ उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरह
चूड़ियों पर भी कई तंज़ किये जायेंगे
काँपते हाथों पर भी फिक्रें कसे जाएँगे
लोग ज़ालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे
बातों-बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आएँगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वरना चेहरे के तासुर से समझ जाएँगे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात ना करना उनसे
बात निकलेगी तो फ़िर दूर तलक जाएगी