Movie/Album: बरसात की एक रात (1981)
Music By: राहुल देव बरमन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर
हाय वो परदेसी मन में
हो कौन दिशा से आ गया
हाय वो परदेसी...
चारों दिशाओं में, ए जी लगे लाज के पहरे थे
हो परबत से भी ऊँचे ऊँचे थे, सागर से भी गहरे थे
हाय वो परदेसी मन में...
मैं टूट के फूल सी गिर पड़ूँ ना किसी झोली में
हो वो ले ना जाए बिठा के मुझे नैनों की डोली में
हाय वो परदेसी मन में...
सोचूँ खड़ी रोक पाई नहीं मैं जिसे आने से
हो जाएगा वो तो उसे कैसे रोकूँगी मैं जाने से
हाय वो परदेसी मन में...
Music By: राहुल देव बरमन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर
हाय वो परदेसी मन में
हो कौन दिशा से आ गया
हाय वो परदेसी...
चारों दिशाओं में, ए जी लगे लाज के पहरे थे
हो परबत से भी ऊँचे ऊँचे थे, सागर से भी गहरे थे
हाय वो परदेसी मन में...
मैं टूट के फूल सी गिर पड़ूँ ना किसी झोली में
हो वो ले ना जाए बिठा के मुझे नैनों की डोली में
हाय वो परदेसी मन में...
सोचूँ खड़ी रोक पाई नहीं मैं जिसे आने से
हो जाएगा वो तो उसे कैसे रोकूँगी मैं जाने से
हाय वो परदेसी मन में...