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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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गुब्बारे - Gubbare (Shilpa Rao, Nikhil D'souza, Ek Main Aur Ekk Tu)

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Movie/Album: एक मैं और एक तू (2012)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: शिल्पा राव, निखिल डिसूज़ा

आसमां से बरसे भर-भर के
नीले पीले हर कलर के
तू खेले जी भर के
ऐ दिल तुझे पता है
ये लम्हें और क्या हैं
जान ले किस्म किस्म के हैं
गुब्बारे गुब्बारे

कोई थोड़ा ज़्यादा भरा है
कोई ढीला फुस पड़ा है
हवा पे खड़ा है
हर एक में मज़ा है
ऐ दिल तुझे पता है
ये लम्हें और क्या हैं...

देखो तो ज़रा ये, ज़रा ये कैसे हैं
मुस्कुराओ डोंगे बहाने ऐसे हैं
झंझटों में डूबी दुनिया में
बुलबुले ख़ुशी के जैसे हैं
ज़रा सम्भल के रहना
ग़मों को पिन चुभे ना
कहीं न फूट जाये धत तेरी
ये प्यारे से गुब्बारें, ना फिर मिलेंगे सारे
बेवकूफी यार होगी ये तेरी
एक से ही काहे खेले तू
पूरा गुच्छा ले ले तू, सजा ले रेलें तू
बोल कैसा लगता है
ऐ दिल तुझे पता है
ये लम्हें और क्या हैं
जान ले किस्म किस्म के हैं
गुब्बारे गुब्बारे...
कि चाहे जितने और भी फुला ले
गुब्बारे गुब्बारे
हाँ मुस्कुरा के सीने से लगा ले

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