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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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संग हूँ तेरे - Sang Hoon Tere (Nikhil D'Souza, Jannat 2)

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Movie/Album: जन्नत 2 (2012)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: निखिल डिसूज़ा

तुझे सोचता हूँ मैं शामों सुबह
इससे ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या
तेरे ही ख़्यालों में डूबा रहा
इससे ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या
बस सारे ग़म में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम मैं जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तेहाँ भी ना ले मेरे

तू मेरा ठिकाना मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी मेरे पास आना
है बाँहों में रहना कहीं अब ना जाना
हूँ महफूज़ इनमे बुरा है ज़माना
बस सारे ग़म में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तेहाँ भी ना ले मेरे
संग हूँ तेरे...

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