Movie/Album: ट्रैफिक (2016)
Music By: मिथुन शर्मा
Lyrics By: मिथुन शर्मा
Performed By: अरिजीत सिंह, मिथुन शर्मा
नेकी की राहों पे तू चल
रब्बा रहेगा तेरे संग
वो तो है तेरे दिल में हाँ
तू क्यों बाहर उसे ढूँढता
नेकी की राहों...
कभी है वो साहिल पे
कभी है वो मौजों पे
कभी है परिंदा वो उड़ता हुआ
वो तो ख़ुदा है
जीवन हैराँ है
उसको न मज़हब में कैद करना
वो वफादार है
हाँ खुद ही प्यार है
साये में उसके सुकूँ कितना
दुनिया का नूर है
ना तुमसे दूर है
पाकीज़गी में वो है बसता
रूह-ए-ख़ुदा का है आसरा
वो ही तो है अपना, ये जहां उसका है
नेकी की राहों...
रब से मोहब्बत कर
उसकी इबादत कर
उसने ही दी है हमें ज़िन्दगी
उसके करम से, हर वचन से
राहों पे तेरी गिरेगी रोशनी
सबको तू माफ़ कर
खुद ना इन्साफ कर
उसपे तो हक बस ख़ुदा का ही है
तू औरों से इस कदर मिल
जैसे तू चाहे वो तुझसे मिले
कर ये शुरुआत ईमान ला
तो पर्वत भी तेरे हुकुम पे चलेगा
नेकी की राहों...
Music By: मिथुन शर्मा
Lyrics By: मिथुन शर्मा
Performed By: अरिजीत सिंह, मिथुन शर्मा
नेकी की राहों पे तू चल
रब्बा रहेगा तेरे संग
वो तो है तेरे दिल में हाँ
तू क्यों बाहर उसे ढूँढता
नेकी की राहों...
कभी है वो साहिल पे
कभी है वो मौजों पे
कभी है परिंदा वो उड़ता हुआ
वो तो ख़ुदा है
जीवन हैराँ है
उसको न मज़हब में कैद करना
वो वफादार है
हाँ खुद ही प्यार है
साये में उसके सुकूँ कितना
दुनिया का नूर है
ना तुमसे दूर है
पाकीज़गी में वो है बसता
रूह-ए-ख़ुदा का है आसरा
वो ही तो है अपना, ये जहां उसका है
नेकी की राहों...
रब से मोहब्बत कर
उसकी इबादत कर
उसने ही दी है हमें ज़िन्दगी
उसके करम से, हर वचन से
राहों पे तेरी गिरेगी रोशनी
सबको तू माफ़ कर
खुद ना इन्साफ कर
उसपे तो हक बस ख़ुदा का ही है
तू औरों से इस कदर मिल
जैसे तू चाहे वो तुझसे मिले
कर ये शुरुआत ईमान ला
तो पर्वत भी तेरे हुकुम पे चलेगा
नेकी की राहों...