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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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ढाई अक्षर प्रेम के - Dhaai Akshar Prem Ke (Anuradha Paudwal, Babul Supriyo, Title Track)

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Movie/Album: ढाई अक्षर प्रेम के (2000)
Music By: जतिन-ललित
Lyrics By: समीर
Performed By: अनुराधा पौडवाल, बाबुल सुप्रियो

अनुराधा पौडवाल, बाबुल सुप्रियो

जिन्द माहिया, जिन्द माहिया, मेरे ढोल सिपाहिया
पल भर में जादू क्या हो गया है
क्या मैंने पाया, क्या खो गया है
शर्म-सी आये कैसे बताऊँ
तू पढ़ ले सजन मेरी आँखों में
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

रुत ने सजाई फूलों की डोलियाँ
बोलो तुम भी बोलो, कुछ मीठी बोलियाँ
हँसें क्यों काजल, उड़े क्यों आँचल
मौसम को सब है पता
जाने किधर से छुप के नज़र से
दिल पे कोई लिख जाए
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

तड़पाना, घबराना, शरमाना इश्क़ है
दिलबर की चाहत में, मर जाना इश्क़ है
कोई ना जाने, ये सब दीवाने
इश्क़ ने है सबको मारा
आग में जल गया इक परवाना
कह के जलती शमा से
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के
पल भर में जादू...

अनुराधा पौडवाल I

दिल के टुकड़े बिखरे दामन में फूट के
मर जाऊँ अब तेरी बाहों में टूट के
रहा ना जाये, सहा ना जाये
आजा के जी भर के रो लें
लगन लगाई, अगन लगाई
रूह में प्यास जगाये
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

अनुराधा पौडवाल II

आँखों में बसा है बस चेहरा यार का
साँसों में है मेरे अब पहरा यार का
दीवाने आजा ओ आजा
हाय आये बड़ी याद तेरी
बन गयी तेरी प्रेम दीवानी
ऐसा पाठ पढाए
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

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