Movie/Album: आपस की बात (1981)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: अनजान
Performed By: किशोर कुमार
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनों आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूँ तो आफ़ताब लगे
शब को देखूँ तो माहताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
पढ़ता रहता हूँ तेरी सूरत को
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
तेरी आँखों की मस्तियाँ तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
जब भी चमके घटा में बिजली
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
तुझको देखूँ तो किस तरह देखूँ
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
प्यार शायद इसी को कहते हैं
एक मुझसे ही क्यों हिजाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: अनजान
Performed By: किशोर कुमार
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे
दोनों आलम में लाजवाब लगे
दिन को देखूँ तो आफ़ताब लगे
शब को देखूँ तो माहताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
रोज़ मिलते हो पर नहीं मिलते
ऐसा मिलना भी मुझको ख्वाब लगे
पढ़ता रहता हूँ तेरी सूरत को
तेरी सूरत मुझे किताब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
तेरी आँखों की मस्तियाँ तौबा
मुझको छलकी हुई शराब लगे
जब भी चमके घटा में बिजली
मुझको तेरा ही वो शबाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...
तुझको देखूँ तो किस तरह देखूँ
रुख पे किरणों के सौ नक़ाब लगे
प्यार शायद इसी को कहते हैं
एक मुझसे ही क्यों हिजाब लगे
तेरा चेहरा मुझे गुलाब लगे...