Movie/Album: 5 राइफल्स (1974)
Music By: अज़ीज़ नाज़ाँ
Lyrics By: नाज़ शोलापुरी
Performed By: अज़ीज़ नाज़ाँ
ना हरम में, ना सुकूँ मिलता है बुत-ख़ाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मैख़ाने में
झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम
काली घटा है, मस्त फ़ज़ा है
जाम उठाकर घूम घूम घूम
झूम बराबर…
आज अँगूर की बेटी से मुहब्बत कर ले
शेख़ साहब की नसीहत से बग़ावत कर ले
इसकी बेटी ने उठा रखी है सर पर दुनिया
ये तो अच्छा हुआ अँगूर को बेटा ना हुआ
कम-से-कम सूरत-ए-साक़ी का नज़ारा कर ले
आ के मैख़ाने में जीने का सहारा कर ले
आँख मिलते ही जवानी का मज़ा आयेगा
तुझको अँगूर के पानी का मज़ा आयेगा
हर नज़र अपनी ब-सद शौक़ गुलाबी कर दे
इतनी पी ले के ज़माने को शराबी कर दे
जाम जब सामने आए तो मुकरना कैसा
बात जब पीने की आ जाए तो डरना कैसा
धूम मची है, मैख़ाने में
तू भी मचा ले धूम धूम धूम
झूम बराबर झूम शराबी...
इसके पीने से तबियत में रवानी आये
इसको बूढ़ा भी जो पी ले तो जवानी आये
पीने वाले तुझे आ जाएगा पीने का मज़ा
इस के हर घूँट में पोशीदा है जीने का मज़ा
बात तो जब है के तू मय का परस्तार बने
तू नज़र डाल दे जिस पर वो ही मैख़्वार बने
मौसम-ए-गुल में तो पीने का मज़ा आता है
पीने वालों ही को जीने का मज़ा आता है
जाम उठा ले, मुँह से लगा ले
मुँह से लगाकर चूम चूम चूम
झूम बराबर झूम शराबी...
जो भी आता है यहाँ पी के मचल जाता है
जब नज़र साक़ी की पड़ती है सम्भल जाता है
आ, इधर झूम के साक़ी का ले के नाम उठा
देख वो अब्र उठा, तू भी ज़रा जाम उठा
इस क़दर पी ले के रग-रग में सुरूर आ जाये
कसरत-ए-मय से तेरे चेहरे पे नूर आ जाये
इसके हर क़तरे में नाज़ाँ है निहाँ दरियादिली
इसके पीने से अता होती है एक ज़िन्दादिली
शान से पी ले, शान से जी ले
घूम नशे में घूम घूम घूम
झूम बराबर झूम शराबी...
Music By: अज़ीज़ नाज़ाँ
Lyrics By: नाज़ शोलापुरी
Performed By: अज़ीज़ नाज़ाँ
ना हरम में, ना सुकूँ मिलता है बुत-ख़ाने में
चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मैख़ाने में
झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम
काली घटा है, मस्त फ़ज़ा है
जाम उठाकर घूम घूम घूम
झूम बराबर…
आज अँगूर की बेटी से मुहब्बत कर ले
शेख़ साहब की नसीहत से बग़ावत कर ले
इसकी बेटी ने उठा रखी है सर पर दुनिया
ये तो अच्छा हुआ अँगूर को बेटा ना हुआ
कम-से-कम सूरत-ए-साक़ी का नज़ारा कर ले
आ के मैख़ाने में जीने का सहारा कर ले
आँख मिलते ही जवानी का मज़ा आयेगा
तुझको अँगूर के पानी का मज़ा आयेगा
हर नज़र अपनी ब-सद शौक़ गुलाबी कर दे
इतनी पी ले के ज़माने को शराबी कर दे
जाम जब सामने आए तो मुकरना कैसा
बात जब पीने की आ जाए तो डरना कैसा
धूम मची है, मैख़ाने में
तू भी मचा ले धूम धूम धूम
झूम बराबर झूम शराबी...
इसके पीने से तबियत में रवानी आये
इसको बूढ़ा भी जो पी ले तो जवानी आये
पीने वाले तुझे आ जाएगा पीने का मज़ा
इस के हर घूँट में पोशीदा है जीने का मज़ा
बात तो जब है के तू मय का परस्तार बने
तू नज़र डाल दे जिस पर वो ही मैख़्वार बने
मौसम-ए-गुल में तो पीने का मज़ा आता है
पीने वालों ही को जीने का मज़ा आता है
जाम उठा ले, मुँह से लगा ले
मुँह से लगाकर चूम चूम चूम
झूम बराबर झूम शराबी...
जो भी आता है यहाँ पी के मचल जाता है
जब नज़र साक़ी की पड़ती है सम्भल जाता है
आ, इधर झूम के साक़ी का ले के नाम उठा
देख वो अब्र उठा, तू भी ज़रा जाम उठा
इस क़दर पी ले के रग-रग में सुरूर आ जाये
कसरत-ए-मय से तेरे चेहरे पे नूर आ जाये
इसके हर क़तरे में नाज़ाँ है निहाँ दरियादिली
इसके पीने से अता होती है एक ज़िन्दादिली
शान से पी ले, शान से जी ले
घूम नशे में घूम घूम घूम
झूम बराबर झूम शराबी...