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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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कभी शाम ढले - Kabhi Shaam Dhale (Mahalakshmi Iyer, Sur)

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Movie/Album: सुर (2002)
Music By: एम.एम.क्रीम
Lyrics By: निदा फ़ाज़ली
Performed By: महालक्ष्मी अय्यर

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना
कभी चाँद खिले तो मेरे दिल में आ जाना
मगर आना इस तरह तुम, के यहाँ से फिर ना जाना
कभी शाम ढले...

तू नहीं है मगर, फिर भी तू साथ है
बात हो कोई भी, तेरी ही बात है
तू ही मेरे अन्दर है, तू ही मेरे बाहर है
जबसे तुझको जाना है, मैंने अपना माना है
मगर आना इस तरह...

रात-दिन की मेरी, दिलकशी तुमसे है
ज़िन्दगी की कसम, ज़िन्दगी तुमसे है
तुम ही मेरी आँखें हो, सूनी-तनहा राहों में
चाहे जितनी दूरी हो, तुम हो मेरी बाहों में
मगर आना इस तरह...

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