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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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आँखों में जल रहा - Aankhon Mein Jal Raha (Jagjit Singh, Marasim)

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Movie/Album: मरासिम (2000)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह

आँखों में जल रहा है क्यूँ, बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा-सा, बरसता नहीं धुआँ

चूल्हे नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गए हैं अब, उठता नहीं धुआँ
आँखों में जल रहा है...

आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ

आँखो से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आए तो, चुभता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा-सा...

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