Movie/Album: विज़न्स (1992)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: तसनीम फ़ारूक़ी
Performed By: जगजीत सिंह
नज़र नज़र से मिला कर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठा कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
इसी लिए तो अँधेरा है मैकदे में बहुत
यहाँ घरों को जला कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
हमें तुम्हारे सिवा कुछ नज़र नहीं आता
तुम्हें नज़र में सजा कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
उन्हीं के हिस्से में आती है, प्यास ही अक्सर
जो दूसरों को पिला कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: तसनीम फ़ारूक़ी
Performed By: जगजीत सिंह
नज़र नज़र से मिला कर शराब पीते हैं
हम उनको पास बिठा कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
इसी लिए तो अँधेरा है मैकदे में बहुत
यहाँ घरों को जला कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
हमें तुम्हारे सिवा कुछ नज़र नहीं आता
तुम्हें नज़र में सजा कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...
उन्हीं के हिस्से में आती है, प्यास ही अक्सर
जो दूसरों को पिला कर शराब पीते हैं
नज़र नज़र से...