Movie/Album: ग़ज़ल (1989)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: डाॅ. सफ़ी हसन
Performed By: हरिहरन
अजनबी हैं न हम पराए हैं
तेरे ही जिस्म-ओ-जाॅं के साए हैं
अजनबी हैं न हम...
इक तेरे ऐतबार की ख़ातिर
दिल ने कितने फ़रेब खाए हैं
तेरे ही जिस्म...
ज़िन्दगी से गिला किया ही नहीं
ज़ख़्म खाए हैं मुस्कुराए हैं
तेरे ही जिस्म...
तूने उड़ती सी इक नज़र की थी
हमने ख़्वाबों के घर बसाए हैं
तेरे ही जिस्म...
एक तू है कि तेरे राहों में
ख़ुद हवा ने दीये जलाए हैं
तेरे ही जिस्म...
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: डाॅ. सफ़ी हसन
Performed By: हरिहरन
अजनबी हैं न हम पराए हैं
तेरे ही जिस्म-ओ-जाॅं के साए हैं
अजनबी हैं न हम...
इक तेरे ऐतबार की ख़ातिर
दिल ने कितने फ़रेब खाए हैं
तेरे ही जिस्म...
ज़िन्दगी से गिला किया ही नहीं
ज़ख़्म खाए हैं मुस्कुराए हैं
तेरे ही जिस्म...
तूने उड़ती सी इक नज़र की थी
हमने ख़्वाबों के घर बसाए हैं
तेरे ही जिस्म...
एक तू है कि तेरे राहों में
ख़ुद हवा ने दीये जलाए हैं
तेरे ही जिस्म...