Movie/Album: आशिक (1962)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
ओ शमा मुझे फूंक दे
मैं न मैं रहूँ, तू न तू रहे
यही इश्क़ का है दस्तूर
परवाने जा है अजब चलन
यहाँ जीते जी अपना मिलन
क़िस्मत को नहीं मंजूर
शाम से लेकर रोज़ सहर तक तेरे लिए मैं हर रात जली
मैंने तो हाय ये भी न जाना कब दिन डूबा कब रात ढली
फिर भी है मिलने से मजबूर
ओ शमा मुझे...
पत्थर दिल है ये जगवाले, जाने न कोई मेरे दिल की जलन
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया, तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन
तुझ बिन ये दुनिया है बेनूर
परवाने जा है...
हाय री क़िस्मत अंधी क़िस्मत, देख सकी न मेरी-तेरी ख़ुशी
हाय री उल्फ़त बेबस उल्फ़त, रो के थकी जल-जल के मरी
दिल जो मिले किसका था क़सूर
ओ शमा मुझे...
परवाने जा है...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
ओ शमा मुझे फूंक दे
मैं न मैं रहूँ, तू न तू रहे
यही इश्क़ का है दस्तूर
परवाने जा है अजब चलन
यहाँ जीते जी अपना मिलन
क़िस्मत को नहीं मंजूर
शाम से लेकर रोज़ सहर तक तेरे लिए मैं हर रात जली
मैंने तो हाय ये भी न जाना कब दिन डूबा कब रात ढली
फिर भी है मिलने से मजबूर
ओ शमा मुझे...
पत्थर दिल है ये जगवाले, जाने न कोई मेरे दिल की जलन
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया, तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन
तुझ बिन ये दुनिया है बेनूर
परवाने जा है...
हाय री क़िस्मत अंधी क़िस्मत, देख सकी न मेरी-तेरी ख़ुशी
हाय री उल्फ़त बेबस उल्फ़त, रो के थकी जल-जल के मरी
दिल जो मिले किसका था क़सूर
ओ शमा मुझे...
परवाने जा है...