Movie/Album: मोहरा (1994)
Music By: विजू शाह
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: कुमार सानू
ऐ काश कहीं ऐसा होता, के दो दिल होते सीने में
इक टूट भी जाता इश्क में तो, तकलीफ न होती जीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...
सच कहते हैं लोग के पी कर रंज नशा बन जाता है
कोई भी हो रोग ये दिल का, दर्द दवा बन जाता है
आग लगी हो इस दिल में तो, हर्ज़ है क्या फिर पीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...
भूल नहीं सकता ये सदमा, याद हमेशा आएगा
किसी ने ऐसा दर्द दिया जो, बरसों मुझे तड़पाएगा
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के, कोई साल महीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...
Music By: विजू शाह
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: कुमार सानू
ऐ काश कहीं ऐसा होता, के दो दिल होते सीने में
इक टूट भी जाता इश्क में तो, तकलीफ न होती जीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...
सच कहते हैं लोग के पी कर रंज नशा बन जाता है
कोई भी हो रोग ये दिल का, दर्द दवा बन जाता है
आग लगी हो इस दिल में तो, हर्ज़ है क्या फिर पीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...
भूल नहीं सकता ये सदमा, याद हमेशा आएगा
किसी ने ऐसा दर्द दिया जो, बरसों मुझे तड़पाएगा
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के, कोई साल महीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता...