Movie/Album: नायक (2001)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति
हो, कभी मीठी लगती है, कभी खट्टी लगती है
जैसी भी है तू मुझको हाय अच्छी लगती है
कभी कभी मीठी लगती है
कभी कभी खट्टी लगती है
कभी कभी मीठी लगती है
हो, कभी झूठा लगता है, कभी सच्चा लगता है
जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है
कभी कभी सच्चा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है
कभी मैं ये सोचूँ, छूके तुझे देखूं
सच है या कोई सपना
सच हूँ के सपना हूँ, मैं तेरा अपना हूँ
ओ सनम, तेरी कसम, मेरा ऐतबार तू कर ले
मैं बरखा तू बादल, मेरी आँखों का काजल
तू जहाँ, मैं भी वहाँ, तेरी जान मैं, मेरी जान तू
हो, कभी मीठी लगती है...
कभी लगे मोरनी सी, कभी लगे चोरनी सी
तुझको पुकारूँ किस नाम से
ओ, कर दे तू एक इशारा, मैं दौड़ी आऊँ यारा
छाँव धूप, मेरा रंग रूप, तेरे प्यार से है जुदा
आ सबको छोड़ के आजा, हर बंधन तोड़ के आजा
साथ साथ रहे संग संग एक दूसरे के दिल में
हो, कभी मीठी लगती है...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति
हो, कभी मीठी लगती है, कभी खट्टी लगती है
जैसी भी है तू मुझको हाय अच्छी लगती है
कभी कभी मीठी लगती है
कभी कभी खट्टी लगती है
कभी कभी मीठी लगती है
हो, कभी झूठा लगता है, कभी सच्चा लगता है
जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है
कभी कभी सच्चा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है
कभी मैं ये सोचूँ, छूके तुझे देखूं
सच है या कोई सपना
सच हूँ के सपना हूँ, मैं तेरा अपना हूँ
ओ सनम, तेरी कसम, मेरा ऐतबार तू कर ले
मैं बरखा तू बादल, मेरी आँखों का काजल
तू जहाँ, मैं भी वहाँ, तेरी जान मैं, मेरी जान तू
हो, कभी मीठी लगती है...
कभी लगे मोरनी सी, कभी लगे चोरनी सी
तुझको पुकारूँ किस नाम से
ओ, कर दे तू एक इशारा, मैं दौड़ी आऊँ यारा
छाँव धूप, मेरा रंग रूप, तेरे प्यार से है जुदा
आ सबको छोड़ के आजा, हर बंधन तोड़ के आजा
साथ साथ रहे संग संग एक दूसरे के दिल में
हो, कभी मीठी लगती है...