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Channel: Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
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राह पे रहते हैं - Raah Pe Rehte Hain (Kishore Kumar, Namkeen)

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Movie/Album: नमकीन (1982)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: किशोर कुमार

राह पे रहते हैं
यादों पे बसर करते हैं
खुश रहो अहल-ए-वतन
हम तो सफर करते हैं

जल गये जो धूप में तो, साया हो गये
आसमाँ का कोई कोना, थोड़ा सो गये
जो गुज़र जाती है बस
हो उस पे गुज़र करते हैं
राह पे रहते हैं...

उड़ते पैरों के तले जब, बहती हैं ज़मीं
मुड़ के हमने कोई मंज़िल, देखी ही नहीं
रात-दिन राहों पे हम
हो शाम-ओ-सहर करते हैं
राह पे रहते हैं...

ऐसे उजड़े आशियाने, तिनके उड़ गये
बस्तियों तक आते-आते, रस्ते मुड़ गये
हम ठहर जायें जहाँ
उसको शहर कहते हैं
राह पे रहते हैं...

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