Movie/Album: पतिता (1953)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: तलत महमूद
अंधे जहान के अंधे रास्ते
जाएँ तो जाएँ कहाँ
दुनिया तो दुनिया, तू भी पराया
हम यहाँ ना वहाँ
जीने की चाहत नहीं, मर के भी राहत नहीं
इस पार आँसू, उस पार आहें, दिल मेरा बेज़ुबां
अंधे जहान के अंधे...
हम को न कोई बुलाए, ना कोई पलकें बिछाए
ऐ ग़म के मारों, मंज़िल वहीं है, दम ये टूटे जहाँ
अंधे जहान के अंधे...
आग़ाज़ के दिन तेरा, अंजाम तय हो चुका
जलते रहे हैं, जलते रहेंगे, ये ज़मीं आसमां
अंधे जहान के अंधे...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: तलत महमूद
अंधे जहान के अंधे रास्ते
जाएँ तो जाएँ कहाँ
दुनिया तो दुनिया, तू भी पराया
हम यहाँ ना वहाँ
जीने की चाहत नहीं, मर के भी राहत नहीं
इस पार आँसू, उस पार आहें, दिल मेरा बेज़ुबां
अंधे जहान के अंधे...
हम को न कोई बुलाए, ना कोई पलकें बिछाए
ऐ ग़म के मारों, मंज़िल वहीं है, दम ये टूटे जहाँ
अंधे जहान के अंधे...
आग़ाज़ के दिन तेरा, अंजाम तय हो चुका
जलते रहे हैं, जलते रहेंगे, ये ज़मीं आसमां
अंधे जहान के अंधे...