Movie/Album: बेवफा सनम (1995)
Music By: निखिल-विनय
Lyrics By: योगेश
Performed By: नितिन मुकेश
वफ़ा ना रास आई. तुझे ओ हरजाई
मुझे ओ बेवफा ज़रा ये तो बता
तूने आग ये कैसी लगाई
वफ़ा ना रास आई...
दौलत के नशे में तूने मुझे
नज़रों से अपनी दूर किया
मेरे प्यार का शीश महल तूने
एक पल में चकनाचूर किया
मुझे दे के यूँ ग़म, ऐसे करके सितम
तूने मेरी वफ़ा ठुकराई
वफ़ा ना रास आई...
तूने रूप खिज़ाओं का बख्शा
मेरे गुलशन की हरियाली को
आबाद नशेमन था जिस पर
तूने काट दिया उस डाली को
मेरे सीने के सुख, दिए तूने हैं दुःख
सारी रस्मे-कसमें भुलाई
वफ़ा ना रास आई...
मोहलत ना मिले शायद मुझको
अब तुझसे बिछड़ के मिलने की
अरमान हुये सब ख़ाक मेरे
ख्वाहिश ना रही अब जीने की
यादों की चुभन, साँसों की अगन
मेरे मन है आज समाई
वफ़ा ना रास आई...
Music By: निखिल-विनय
Lyrics By: योगेश
Performed By: नितिन मुकेश
वफ़ा ना रास आई. तुझे ओ हरजाई
मुझे ओ बेवफा ज़रा ये तो बता
तूने आग ये कैसी लगाई
वफ़ा ना रास आई...
दौलत के नशे में तूने मुझे
नज़रों से अपनी दूर किया
मेरे प्यार का शीश महल तूने
एक पल में चकनाचूर किया
मुझे दे के यूँ ग़म, ऐसे करके सितम
तूने मेरी वफ़ा ठुकराई
वफ़ा ना रास आई...
तूने रूप खिज़ाओं का बख्शा
मेरे गुलशन की हरियाली को
आबाद नशेमन था जिस पर
तूने काट दिया उस डाली को
मेरे सीने के सुख, दिए तूने हैं दुःख
सारी रस्मे-कसमें भुलाई
वफ़ा ना रास आई...
मोहलत ना मिले शायद मुझको
अब तुझसे बिछड़ के मिलने की
अरमान हुये सब ख़ाक मेरे
ख्वाहिश ना रही अब जीने की
यादों की चुभन, साँसों की अगन
मेरे मन है आज समाई
वफ़ा ना रास आई...