Movie/Album: दंगल (2016)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह
झूठा जग रैन बसेरा
सांचा दर्द मेरा
मृग-तृष्णा सा मोह पिया
नाता मेरा-तेरा
नैना, जो साँझ ख्वाब देखते थे नैना
बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ
नैना, जो मिल के रात जागते थे नैना
सहर में पलकें मीचते हैं यूँ
जुदा हुए कदम
जिन्होंने ली थी ये कसम
मिल के चलेंगे हरदम
अब बाँटते हैं ये ग़म
भीगे नैना, जो खिडकियों से झाँकते थे नैना
घुटन में बंद हो गए है यूँ
साँस हैरान है, मन परेशान है
हो रही सी क्यूँ रुआंसा ये मेरी जान है
क्यूँ निराशा से है, आस हारी हुई
क्यूँ सवालों का उठा सा दिल में तूफ़ान है
नैना, थे आसमान के सितारे नैना
ग्रहण में आज टूटते हैं यूँ
नैना, कभी जो धूप सेकते थे नैना
ठहर के छाँव ढूंढते हैं यूँ
जुदा हुए कदम...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह
झूठा जग रैन बसेरा
सांचा दर्द मेरा
मृग-तृष्णा सा मोह पिया
नाता मेरा-तेरा
नैना, जो साँझ ख्वाब देखते थे नैना
बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ
नैना, जो मिल के रात जागते थे नैना
सहर में पलकें मीचते हैं यूँ
जुदा हुए कदम
जिन्होंने ली थी ये कसम
मिल के चलेंगे हरदम
अब बाँटते हैं ये ग़म
भीगे नैना, जो खिडकियों से झाँकते थे नैना
घुटन में बंद हो गए है यूँ
साँस हैरान है, मन परेशान है
हो रही सी क्यूँ रुआंसा ये मेरी जान है
क्यूँ निराशा से है, आस हारी हुई
क्यूँ सवालों का उठा सा दिल में तूफ़ान है
नैना, थे आसमान के सितारे नैना
ग्रहण में आज टूटते हैं यूँ
नैना, कभी जो धूप सेकते थे नैना
ठहर के छाँव ढूंढते हैं यूँ
जुदा हुए कदम...