Movie/Album: ॐ शांति ॐ (2007)
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: सुखविंदर सिंह, निशा, कैरालीसा मोन्टाइरो, मैरियन डीक्रूज़
वो हसीना वो नीलमपरी
कर गई कैसे जादूगरी
नींद इन आँखों से छीन ली है
दिल में बेचैनियाँ है भरी
मैं बेचारा हूँ आवारा
बोलो समझाऊँ मैं ये
अब किस-किस को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को
दर्द-ए-डिस्को, दर्द-ए-डिस्को
दिल में मेरे...
ओ फसलें गुल थी, गुलपोशियों का मौसम था
हम पर कभी, सरगोशियों का मौसम था
कैसा जुनूँ ख़्वाबों की अंजुमन में था
क्या मैं कहूँ क्या मेरे बागपन में था
रंजिश का चला था फव्वारा
फूटा जो ख्वाब का गुब्बारा
तो फिरता हूँ मैं लंडन, पेरिस
न्यू यॉर्क, LA, सेन फ्रांसिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को...
दर्द-ए-डिस्को
Come on now let's go
दर्द-ए-डिस्को...
लम्हा-लम्हा अरमानों की फरमाइश थी
लम्हा-लम्हा जुर्रत की आज़माइश थी
अब्र-ए-करम घिर-घिर के मुझपे बरसा था
अब्र-ए-करम बरसा तो तब मैं तरसा था
फिर सूना हुआ मंज़र मेरा
वो मेरा सनम दिलबर मेरा
दिल तोड़ गया, मुझे छोड़ गया
वो पिछले महीने की छ्ब्बीस को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को...
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: सुखविंदर सिंह, निशा, कैरालीसा मोन्टाइरो, मैरियन डीक्रूज़
वो हसीना वो नीलमपरी
कर गई कैसे जादूगरी
नींद इन आँखों से छीन ली है
दिल में बेचैनियाँ है भरी
मैं बेचारा हूँ आवारा
बोलो समझाऊँ मैं ये
अब किस-किस को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को
दर्द-ए-डिस्को, दर्द-ए-डिस्को
दिल में मेरे...
ओ फसलें गुल थी, गुलपोशियों का मौसम था
हम पर कभी, सरगोशियों का मौसम था
कैसा जुनूँ ख़्वाबों की अंजुमन में था
क्या मैं कहूँ क्या मेरे बागपन में था
रंजिश का चला था फव्वारा
फूटा जो ख्वाब का गुब्बारा
तो फिरता हूँ मैं लंडन, पेरिस
न्यू यॉर्क, LA, सेन फ्रांसिस्को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को...
दर्द-ए-डिस्को
Come on now let's go
दर्द-ए-डिस्को...
लम्हा-लम्हा अरमानों की फरमाइश थी
लम्हा-लम्हा जुर्रत की आज़माइश थी
अब्र-ए-करम घिर-घिर के मुझपे बरसा था
अब्र-ए-करम बरसा तो तब मैं तरसा था
फिर सूना हुआ मंज़र मेरा
वो मेरा सनम दिलबर मेरा
दिल तोड़ गया, मुझे छोड़ गया
वो पिछले महीने की छ्ब्बीस को
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को...